Breaking News

सुहाग का पर्व वट सावित्री…

छंद-जलहरण घनाक्षरी
सुहाग पर्व वट सावित्री
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आनंद उमंग भरे, अंग-अंग खिले-खिले,
अमावस जेठ व्रत,
प्रेम भरे तन-मन।

महावर हिना रंग, नूपुर की छन-छन,
सतरंगी चूड़ियाँ भी,
खनके हैं खन-खन।

जटाधारी वृक्ष तले, सौरभ सुहानी फले,
धागा बाँध फेरे सात,
लगाती हैं सुहागन।

‘सुषमा’ सूरत सजे, मस्तक कुंकुम लगे,
अमर सुहाग मिले,
अनमोल यह धन।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
…✍️कवयित्री सुषमा प्रेम पटेल ,रायगढ़/रायपुर छ ग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button