पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विद्याचरण शुक्ल के परिवार की संपत्ति पर… भू-माफियाओं का कब्ज़ा…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति के दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विद्याचरण शुक्ल के परिवार से जुड़ी एक अत्यंत गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उनकी नातिन और प्रतिष्ठित फर्म ‘आलविन कूपर उर्फ कपूर प्रा. लि.’ की डायरेक्टर, श्रीमती माधवी पांडे ने रायपुर पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप है कि फर्म की करोड़ों रुपये की संपत्ति को फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से हड़प लिया गया है।
मामले का विवरण::-
शिकायत के अनुसार मौजा ग्राम रायपुरा (प.ह. नंबर 57) स्थित खसरा नंबर 130/16, 132/5 और 134/6 (कुल रकबा 0.809 हेक्टेयर) भूमि, जिसका स्वामित्व ‘आलविन कूपर उर्फ कपूर प्रा. लि.’ के पास है, उसे धोखाधड़ी से बेचा गया है।
मुख्य आरोपी (1): विजय बारमेड़ा (फर्म का पूर्व कर्मचारी), जिसने बिना किसी वैधानिक अधिकार के भूमि को बेचने के लिए अधिकृत किया।
मुख्य आरोपी (2): आलोक देवांगन (भागीदार ‘मीना राम डेव्हलपर्स’), जिसे फर्जी मुख्त्यारनामा (Power of Attorney) के आधार पर संपत्ति बेची गई।
मुख्तियारनामा और झूठा शपथ पत्र :-
धोखाधड़ी का तरीका: आरोप है कि आरोपियों ने जाली मुख्त्यारनामा और झूठा शपथ पत्र देकर, फर्म की संपत्ति को अपनी ही एक फर्म ‘मीना राम डेव्हलपर्स’ को ₹1,17,00,000/- (एक करोड़ सत्रह लाख रुपये) में विक्रय कर दिया। दस्तावेजों में फर्म के स्वामित्व या डायरेक्टरशिप के संबंध में कोई प्रमाण संलग्न नहीं किया गया, जो स्पष्ट रूप से मिलीभगत और धोखाधड़ी को दर्शाता है।
पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल:-
यह मामला इसलिए और भी चिंताजनक है क्योंकि श्रीमती माधवी पांडे द्वारा लिखित शिकायत (FIR) दर्ज कराने के बावजूद, पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। एफआईआर दर्ज नहीं: टीआई, के द्वारा शिकायत लेने से कथित तौर पर इंकार कर दिया गया।
उच्च अधिकारियों की अनदेखी: वर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीलाल उमेन्द्र सिंह को भी इस मामले की शिकायत और जानकारी दी गई, लेकिन इसके बावजूद न तो संबंधित टीआई के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई और न ही एफआईआर दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन और पुलिस तंत्र पर आरोप
यह रवैया राज्य में अपराधों पर लगाम लगाने की छत्तीसगढ़ पुलिस की मंशा पर गंभीर सवाल उठाता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता पंडित विद्याचरण शुक्ल जी के परिवार से जुड़े गंभीर धोखाधड़ी के मामले में भी पुलिस तत्काल कार्रवाई नहीं कर रही है। यह छत्तीसगढ़ पुलिस तंत्र में भ्रष्टाचार और पुलिस-भू-माफिया सांठगांठ की ओर इशारा करता है।
इस प्रकरण की जानकारी सांसद बृजमोहन अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, और पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंह देव जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी है। पंडित विद्याचरण शुक्ल के लाखों समर्थक इस पर तत्काल कार्रवाई न होने से दुखी और आक्रोशित हैं।
वहीं कांग्रेसी नेता मनोज सिंह ठाकुर ने कहा की तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज कर, दोषियों के खिलाफ आपराधिक एवं दांडिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जनता को यह जानने का अधिकार है कि प्रभावशाली व्यक्तियों की संपत्ति पर खुलेआम हो रही धोखाधड़ी पर पुलिस क्यों मौन है।




