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बगैर मान्यता चल रहा है पैरामेडिकल कोर्स… छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़… थमा रहे हैं अन्य राज्यों की डिग्री…

रायपुर l छत्तीसगढ़ में पैरामेडिकल काउंसलिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है l अन्य राज्यों के मान्यता से निजी संस्थान चमक दमक के साथ छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं l जब कि राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान ही वैध माने जाते हैं। राज्य में पैरामेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया इस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाती है, और केवल इन्हीं संस्थानों के कोर्स काउंसलिंग में शामिल होते हैं।

मान्यता प्राप्त पैरामेडिकल संस्थान:-

प्रदेश में मान्यता गिनती के निजी पैरामेडिकल संस्थानों को आयुष विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त है, जो काउंसलिंग के लिए पात्र हैं l चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हास्पिटल, भिलाईरायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भानसोज, रायपुरश्री बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल, मोवा, रायपुरश्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जुनवानी, भिलाईवीवाय इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रायपुरकिश्चयन पैरामेडिकल कॉलेज, धमतरीअपेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल, रायगढ़ l

लाखों रुपए की फीस भविष्य अंधकार में:-

वही चैतन्य इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस, जीएस इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंस, सृष्टि इंस्टिट्यूट आदि जैसे सैकड़ो पैरामेडिकल काउंसिल से जुड़े कोर्स प्रदान करता है। यह संस्थान बी एम एल टी, डी एम एल टी, डी फार्मेसी, आदि जैसे कोर्स चलाता है, जो राज्य काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए मान्य माने जाते हैं। लेकिन इन संस्थाओं ने नियमों के विरुद्ध छात्र-छात्राओं के भविष्य को अंधकार में रखकर लाखों रुपए की फीस एठ कर अन्य राज्यों का डिग्री थमा रहे हैं l और शासकीय संस्थाओं में नौकरी का झांसा भी दे रहे हैं l इन संस्थाओं को छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसलिंग से कोई मान्यता प्राप्त नहीं है l मान्यता की स्थिति छत्तीसगढ़ में केवल 14 पैरामेडिकल संस्थानों को राज्य सरकार से पूर्ण मान्यता प्राप्त है l

जस्ट डायल डायरेक्टरी में सूचीबद्ध :-

चैतन्य इंस्टीट्यूट को जस्टडायल जैसी डायरेक्टरी में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन प्रमुख कोर्स रायपुर के संस्थानों में डी एम एल टी (डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, 2 वर्ष), सी एम एल टी (सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी), बी एम एल टी (बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, 3 वर्ष),डी ओ टी (डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी, 1 वर्ष), बी पी टी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी) और रेडियोग्राफी जैसे कोर्स चलाए जाते हैं। गणेश पैरामेडिकल कॉलेज में सी एम एल टी कोर्स की फीस लगभग 2 लाख रुपये लिए जा रहे है।

प्रशासन मौन हौसले बुलंद :-

निजी संस्थाओं के मनमानी इसलिए भी चल रही है क्योंकि प्रशासन इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता और कोचिंग इंस्टिट्यूट का नाम देकर अपनी संस्था में पैरामेडिकल कोर्स संचालित करते हैं l लाखों रुपए ऐठ कर छात्र-छात्राओं को वह डिग्री थमा देते हैं जो उनके राज्य से मान्यता प्राप्त संस्था से मिलना चाहिए l लेकिन ऐसा नहीं होता नाम न छापने की शर्ट में एक छात्रा ने बताया कि उन्हें कोर्स तो जरूर करवाया गया लेकिन डिग्री उन्हें अन्य राज्य का थमा दिया गया है जिसके एवज़ में में लगभग तीन लाख रुपए लिया गया है l

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप :-

वही छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य नर्सिंग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं l उन्होंने कहा कि बिना मान्यता के पैरामेडिकल कोर्स गली मोहल्लों में संचालित किया जा रहे हैं जिसका प्रमुख कारण है कि सरकार उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती l नौकरी का झांसा देकर शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी छात्र-छात्राओं को गुमराह कर उन्हें यह कोर्स करने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि जल्द से जल्द उन्हें नौकरी मिल सके l और अन्य राज्यों की डिग्री दे रहे हैं जो कि नियमों के विरुद्ध है l

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