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बोर्ड बैठक में केदार गुप्ता ने दिखाएं सख्त तेवर… आखिर कौन है हरिराम नाई…क्यों खंगाल रहे हैं अफसरो की कुंडली… अपेक्स बैंक के अध्यक्ष और एम डी आमने-सामने…

रायपुर l वन टू का फोर -फोर टू का वन करने की आदत जिसको हो जाती है वह कुछ ना कुछ अगड़म – बगड़म काम करने के बारे में सोचता रहता है l यही हाल अपेक्स बैंक के अधिकारियों के रोम -रोम में सुमार हो चुकी है l

इसी कड़ी में बड़ा खेल करने की फिराक बैंक के उच्च अधिकारियों की टीम तैयारी में बैठे थे l एक प्रकरण को बोर्ड मीटिंग में रखकर उस खेल को अंजाम देना था l जिसमें सफलता हाथ नहीं लगी l क्योंकि अपेक्स बैंक के अध्यक्ष केदार गुप्ता को इस प्रकरण की कोई जानकारी नहीं दी गई l हालांकि एक विशेष सूत्र के माध्यम से अध्यक्ष को इस बात से अवगत करा दिया गया थाl

दिखाएं सख्त तेवर:-:-

26 नवंबर को बोर्ड की बैठक में जैसे ही यह प्रकरण को सामने रखा गया l अध्यक्ष बिफर पड़े अपने सख्त तेवर को दिखाते हुए अफसरो को यह बता दिया कि बगैर जानकारी के कोई भी प्रकरण बोर्ड में नहीं लाया जाएगा l

चैम्बर में लगी क्लास :-

बैठक के बाद अपने चैम्बर में अध्यक्ष केदार गुप्ता ने एक-एक करके एम डी कमल नारायण कांडेय से लेकर अन्य अफसरो की जमकर क्लास लगाई है l इस दौरान निज सचिव आनंद लहरे भी नहीं बच सके l क्योंकि बोर्ड की बैठक के पूर्व एजेंडो के बारे में जानकारी लेकर अध्यक्ष को अवगत कराना था या फिर बैंक के एमडी कांडे को जानकारी देनी थी l लेकिन ऐसा नहीं हुआ l लहरे को प्रकरण की जानकारी जरूर थी l लेकिन बोर्ड में रखा जाएगा यह बिल्कुल उनके संज्ञान में नहीं रहा एमडी भी उन्हें कोई खास जानकारी नहीं देते क्योंकि वह उन्हें दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री का सचिव मानते हैं और अपने आप को कैबिनेट मंत्री का विशेष सहायक l

हुई इस्तीफा की बात:-

अध्यक्ष केदार गुप्ता की फटकार के बाद आनंद लहरे ने भी इस्तीफा देने की बात कह दी हालांकि लहरें इतने दोषी नहीं है इसलिए अध्यक्ष ने भी इन बातों को नजरअंदाज कर दिया l बैंक सूत्र बताते हैं कि लहरे की छबि काफी साफ सुथरी व सरल स्वभाव के है इसलिए एमडी या अन्य अधिकारी उन्हें वह तवज्जो नहीं देते जो उन्हें मिलना चाहिए जबकि प्रोटोकॉल कहता है कि अध्यक्ष को हर बात की जानकारी देने वाला उनका अपना सचिव ही होता है l वहीं कहीं ना कहीं लहरें भी उन उच्च अधिकारियों के झांसे में आ जाते हैं l जिनसे उन्हें बचना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी अध्यक्ष के प्रति निभानी चाहिए l

केस जीता -जागी उम्मीद:- 

लंबे अरसे तक एक प्रकरण को लेकर एमपी हाई कोर्ट में केस चला जहां से उन प्रार्थियों ने जीत भी हासिल की l मन में उम्मीदें जागी अध्यक्ष से मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए लेकिन एक सेक्शन ऑफिसर ने यह कह दिया की अध्यक्ष केदार गुप्ता काफी खड़ूस किस्म के आदमी है l बातें सुनकर उन्हें भी लगा के कहीं मामला बिगड़ ना जाए इसलिए अपेक्स बैंक हेड ऑफिस के एक अफसर को पकड़ा गया l मामला लंबा चौड़ा राशि का है तो अफसर ने दिमाग लगाया और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह का दरवाजा खटखटाने को कहा बाकी हम देख लेंगे l भिलाई ब्रांच में कार्यरत महिला प्रार्थी को लगा कि यह रास्ता ठीक है और उन्होंने अपने परिवार के राजनीतिक सदस्य के माध्यम से अपनाया भी l इसी बीच एक और रास्ता अपनाया गया कवर्धा शक्कर कारखाना के एक उच्च स्तर के अधिकारी ने इस मामले में हस्तक्षेप कर बैंक के एमडी से मिलकर पूरा मामला सुलझाने की बात कही गई और पूरी तरीके से तैयारी भी कर ली गई l एमडी कांडे ने भी उन लोगों को अस्वस्थ कर दिया कि यह कार्य 26 नवंबर हो होने वाली बोर्ड की बैठक में इस प्रकरण पर मुहर लगवा लिया जाएगा l लेकिन विशेष सूत्र की खबर और अध्यक्ष का तेवर सारा खेल बिगाड़ दिया l

अध्यक्ष को है पावर:-

अब प्रार्थियों को भी लग रहा है कि बगैर अध्यक्ष से मिले कोई काम नहीं होगा और यह सच भी है l अध्यक्ष को ही इस प्रकरण को सुलझाने का पावर है l एक सेक्शन ऑफिसर ने तो यहां तक कह दिया है कि अब इस प्रकरण को हम ही सुलझाएंगे l वहीं अब बात साख पर पहुंच चुकी है l एक गुट पूरी तरह से लाम बंद हो चुका है l वही दूसरा गुट पर्दे के पीछे से अध्यक्ष केदार गुप्ता के लिए सक्रिय नजर आ रहे हैं l सत्ता आते -जाते रहती है l इसलिए दूसरे गुट के अधिकारी फ्रंट लाइन में नहीं आना चाहते l

कौन है हरिराम नाई :-

वही बोर्ड की बैठक के बाद से बैंक के एम डी उस हरिराम नाई की तलाश कर रहे है l जो यह गोपनीय बात लिक कर रहा है l एमडी को अपनों के ऊपर ही ज्यादा शक है l क्योंकि सारी रणनीति उन दो चार अफसरों के साथ बैठकर ही सलाहा मशवरा करते है l कुछ खास चर्चा करनी हो तो सहकारिता मंत्री के बंगले में बुलाकर विचार विमर्श किया जाता है l सूत्र यह भी बताते हैं कि अब तक जितने भी अध्यक्ष ने बैंक की कमान संभाली है उनके आगे पीछे होकर पूरे खुश रखने का भरपूर प्रयास किया और अपना प्रमोशन, बैंक बैलेंस बढ़ाते रहे l कांग्रेस शासन काल के तत्कालीन अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर के समय तो त्राहिमाम मचा दिया गया था l एक अधिकारी ने तो डबल प्रमोशन पाया है l लाखों नहीं करोड़ों का वारा न्यारा किया है l पुरानी बस्ती सीएसपी एक प्रार्थी की शिकायत पर जांच में जुट्टी हुई है l कौन कितना टूर एंड ट्रेवल किया है l उनका भी इतिहास खंगला जाएगा l या यूं कहे की एक-एक अफसर की कुंडली केदारनाथ देख रहे हैं l

बैंक में मचा है त्राहिमाम :-

बोर्ड में बैठे सूत्र बताते हैं कि आज तक के इतिहास में ऐसा अकरात्मक तेवर किसी अध्यक्ष ने नहीं दिखाया l जो इस बार 26 नवंबर को आयोजित बैठक में देखने को मिला l हेड ऑफिस तो दूर राज्य में संचालित अन्य ब्रांचो तक यह खबर पहुंच चुकी है की अध्यक्ष केदार गुप्ता ने बैठक में क्या रूप दिखाया है l इसके बाद से कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपना मुंह नहीं खोल पा रहा है या यू कहे कि बैंक में त्राहिमाम मचा हुआ है l वही बोर्ड सूत्र की माने तो एम डी को सारे प्रकरणों की जानकारी अध्यक्ष को अवगत करा देना था l यह उनके प्रोटोकॉल में भी शामिल है उनकी जिम्मेदारी है l लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया यह समझ से परे है l

अनुभव प्रभावशील :-

वहीं वर्तमान अध्यक्ष केदार गुप्ता के सामने इन अफसरों की चल नहीं पा रही है l क्योंकि केदार गुप्ता आज से नहीं वर्षों से संगठन, संघ, आयोग में बारीकी से अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं l इससे उनका अनुभव काफी प्रभावशील हो चुका है l इसलिए बैंक की कार्यप्रणाली पर भी उनका निगाह जमा हुआ रहता है l

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