छत्तीसगढ़

डिग्री ले लो डिग्री… गली गली में बिक रही है डिग्री… सीवी रमन- कलिंगा यूनिवर्सिटी का मकड़ जाल फैला पूरे प्रदेश में…

रायपुर l छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और शिक्षा एक ऐसा व्यापार चल रहा जिसकी कोई सीमा नहीं l प्रशासन मौन नियमों के धज्जियां उड़ाई जा रही है l गली गली में एजेंट डिग्री बेच रहे हैंl हाईएस्ट प्रतिशत पाने के चक्कर में लाखों रुपए देकर विद्यार्थी इसे खरीद भी रहे हैं है l
जी हां छत्तीसगढ़ राज्य में यही चल रहा है l विश्वविद्यालय की अपनी मनमानी चल रही है l एजेंट  के माध्यम से विद्यार्थियों को गुमराह किया जा रहा है l और मोटी रकम लेकर उन्हें कई हाई प्रोफाइल डिग्री था माया जा रहा है l वहीं दूसरी ओर शासकीय विश्वविद्यालय में दिन रात मेहनत करने वाले छात्र छात्राएं निजी विश्वविद्यालय के डिग्री के सामने बौना साबित हो रहे हैं l प्रशासन का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है l निजी विश्वविद्यालय की कोई जांच कोई नहीं करता l वहीं सूत्रों की माने तो कई ऐसे छात्र हैं जो आज तक सीवी रमन, कलिंगा आदि जैसे यूनिवर्सिटी का मुँह तक नहीं देखे हैं l लेकिन डिग्री जरूर रखे हैं l

कंप्यूटर का ज्ञान नहीं:-

अधिकांश छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो शासकीय विभागों में प्लेसमेंट की नौकरी कर रहे हैं l जिन्हें कंप्यूटर चलना भी ढंग से नहीं आता l उनके पास बीसीए, पीजीडीसीए आदि जैसे कई डिग्री उनके पास है l ऐसे डिग्री धारी शासकीय संस्थाओं में कैसे कार्य कर रहे हैं यह भी समझ से परे है l

भविष्य के साथ खिलवाड़ :-

पूरे प्रदेश में बड़े-बड़े होर्डिंग पोस्टर्स में करोड़ों रुपए प्रचार- प्रसार में खर्च कर अपने विश्वविद्यालय की उपलब्धियो का बखान करने में कोई कमी नहीं करते और इनके प्रलोभन भरे विज्ञापन को देख भोले -भाले छात्र-छात्राएं फस रहे हैं और अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं l

मोटी रकम दो डिग्री लो :-

निजी हो या फिर शासकीय  संस्थाओं में नौकरी पाने की चाह में बैक डेट पर लाखों रुपए देकर छात्र-छात्राएं डिग्री खरीद रहे हैं l इन विश्वविद्यालयों का मकड़ जाल पूरे प्रदेश में फैल चूका हुआ है l

एजेंट नियुक्त :-

सीवी रमन और कलिंगा यूनिवर्सिटी का मकसद छात्र-छात्राओं को शिक्षा देना नहीं बल्कि डिग्री बांटने का टारगेट पूरा करना होता है l जिसके चलते गांव-गांव वह शहर के छोटे-छोटे कंप्यूटर सेंटर, चॉइस सेंटर आदि को अपना एजेंट नियुक्त किया है l महासमुंद, फिंगेश्वर, गरियाबंद आदि जैसे छोटे-छोटे कसबो में इनका हब बना हुआ है जहां से डिग्री बेची जा रही है l

जितनी बड़ी रकम उतना बड़ा प्रतिशत :-

अगर सही मायने में देखा जाए तो कई छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिन्होंने आज तक विश्वविद्यालय का मुंह तक नहीं देखा होगा l और उनकी डिग्री हाई-फाई और भारी भरकम प्रतिशत के साथ दिखाई देती है l वहीं दूसरी ओर शासकीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपने आप को ठगा महसूस करते हैं l रात दिन एक कर पढ़ने वाले विद्यार्थी प्रतिशत और अंक पाने में अपनी पूरी ताकत लगाते हैं फिर भी उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाते जहां पर सीवी रमन और कलिंगा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं लाखों रुपए देखकर डिग्री हासिल करते हैं और शासकीय संस्थाओं में नौकरी भी प्राप्त कर लेते हैं l

प्रचार प्रसार में करोड़ों खर्च :-

आखिर प्रचार प्रसार के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने वाले विश्वविद्यालय आखिर इतनी बड़ी रकम कहां से ला रहे हैं l क्योंकि नियमों से चलने वाले कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं जो ढंग से अपने स्टाफ को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं l वहीं सरकार भी इन विश्वविद्यालय को नियम कानून में छूट दे रखी है l या यू कहे की शिक्षा का व्यवसाय प्रदेश में भरपूर चल रहा है l

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