छत्तीसगढ़

पेयजल संकट को विशेष सामान्य सभा के एजेंडा में शामिल करने की मांग…. 

 

रायपुर l कांग्रेस पार्टी की महापौर प्रत्याशी रही दीप्ति दुबे ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बुलाए गए विशेष सामान्य सभा की बैठक के साथ सभापति सूर्य कांत राठौर से भीषण जल संकट से गुजर रहे समस्या एवं उसके समाधान पर विशेष सामान्य सभा के एजेंडे में चर्चा कराए जाने की बात कही है।

पानी की भारी किल्लत :-

श्रीमती दीप्ति प्रमोद दुबे ने कहा है कि 225 से ज्यादा मोहल्ले में पानी की भारी किल्लत चल रही है साथ ही बहुत सारे इलाकों में डुप्लीकेट पाइपलाइन एवं लीकेज के चलते लोगों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रही है साथ ही टैंकरों की संख्या बढ़ाने के बजाय उन क्षेत्रों में जहां पाइपलाइन बिछी है वहां तक पानी कैसे पहुंचे इसकी चिंता अत्यंत आवश्यक है ।

 पेयजल संकट कई वार्डों में :-

विशेष सामान्य सभा के प्रमुख एजेंडा में पेयजल को प्राथमिकता से रखा जाना था लेकिन जो विशेष सामान्य सभा हो रही है उसमें वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर प्रस्ताव पारित होना है जिसे कभी भी किया जा सकता था ,लेकिन जिस प्रकार से पेयजल संकट गहराते जा रहे हैं लोगों को पानी के नाम से रत जगा करना पड़ रहा है ऐसे समय में विशेष सामान्य सभा के एजेंडा में वार्ड बार जरूर चर्चा कराए जाने की मांग श्रीमती दीप्ति प्रमोद दुबे ने की है,, उन्होंने यह भी कहा है कि जिन वार्डों में पेयजल संकट है उसे जोन की बैठक में वहां के पार्षदों को जरूर शामिल किया जाए ताकि वहां की समस्या के बारे में वह जानकारी दे सके।

लगातार बैठक टैंकर बढ़ाने की मांग :-

कई वार्डो यह देखने को मिल रहा है की अफसर को एवं चिन्हित जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक ली जा रही है जबकि उस वार्ड के पार्षद को शामिल नहीं किया जाना चिंता का विषय है,, अभी तक पेयजल संकट को लेकर तीन से चार बैठक हो चुकी लेकिन प्रेशर से पानी देने को छोड़कर टैंकर बढ़ाने की बात रोज सामने आती है जो निगम की विफलता को इंगित करती है दीप्ति प्रमोद दुबे ने कहा है कि शहर में 36 लाख से लेकर 50 लाख लीटर की क्षमता वाली 45 टंकियां है जहां 6000 से 10000 घरों को पानी पहुंचाने मैं 1 टँकी सक्षम होती है वहां आधे घरों में बस पानी पहुंच पा रहा है। शेष में इतनी पतली धार हो जाती है की कूलर में पानी भरना तो दूर पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है जो चिंता का विषय है l

मॉनिटरिंग की कमी:-

आवश्यकता है डुप्लीकेसी को दूर करने की तथा प्रत्येक टंकी के मॉनिटरिंग की अभी भी टंकी वाइज मॉनिटरिंग ना हो करके टैंकर कैसे बढ़े इस पर फोकस किया जा रहा है,, जिससे कई गुनी राशि व्यर्थ में खर्च होगी एक तरफ कलेक्टर ने बोर करने पर प्रतिबंध किया है ताकि नीचे के पानी को बचाया जा सके वहीं दूसरी ओर निगम रोज कहीं ना कहीं बोर करती है जिसका औचित्य समझ से परे हैं,, जिन क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछी हुई है वहां थोड़ा सा मेहनत करने की आवश्यकता है तो बहुत सारी समस्या का समाधान आसानी से हो सकता है आज एक टंकी से कितने घरों को क्षमता के अनुरूप पानी दिया जा रहा है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होने के कारण लाइनमैन से लेकर इंजीनियर की जवाब देही तय नहीं हो पा रही है जिसके चलते समस्या यथावत है। दीप्ति दुबे ने इन्हीं सब बातों को विशेष सामान्य सभा की बैठक बुलाकर चर्चा एवं समाधान निकालने की मांग की है।

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