कौन कर रहा है अपेक्स बैंक के चेयरमैन को बदनाम…

रायपुर l अपेक्स बैंक के अध्यक्ष को पद संभाले ज्यादा समय हुआ नहीं है लेकिन उन्हें बदनाम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे बैंक के अफसर ही अपना रहे हैं l जिसकी जानकारी केदार गुप्ता को भी नहीं l अपेक्स बैंक सहकारिता के क्षेत्र में एक बड़ा बैंक हैl राज्य सरकार के विभिन्न योजनाओं से खासकर किसानों को लाभ मिलता है l शहरी क्षेत्र में भी बैंक की अलग गरिमा है l सत्ता दल के दोनों ही राष्ट्रीयकृत पार्टी के प्रतिनिधि इस बैंक में अध्यक्ष रहे हैं l लेकिन आज तक अफसरो ने कभी किसी अध्यक्ष की बुराई नहीं की इसका प्रमुख कारण यही रहा है काम वह होता था जो अफसर चाहते थे l लेकिन अभी नहीं हो पा रहा है क्योंकि अध्यक्ष केदार गुप्ता अफसरो के हिसाब से नहीं अपनी रणनीति से चल रहे हैं l
कर्मचारियों से नहीं मिलते अध्यक्ष:-
बैंक में ऊंचे पदों पर बैठे अफसरो के अलावा ब्रांचो में अधिकारी -कर्मचारी कार्य कर रहे हैं कुछ पीड़ित है कुछ अपनी परेशानियों से वर्तमान अध्यक्ष को अवगत कराना चाहते हैं लेकिन उन्हें रोका जा रहा है कहा जा रहा है कि किसी कर्मचारी से नहीं मिलते अध्यक्ष l ऐसी बातों को सुनकर कर्मचारी भी निराश होते हैं क्योंकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपना तेवर केदार गुप्ता दिखा चुके हैं तो कर्मचारियों को उन अधिकारियों की बात सच्ची भी लगने लगती है l
गुप्ता की शिकायत सहकारिता मंत्री से,:-
अभी वर्तमान बीजेपी की सरकार में देखा जाए तो दो बोर्ड के अध्यक्ष को बदनाम करने के लिए उन्हीं के विभाग के अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं l जिसमें वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को उनके ही अफसर उन्हें फंसा रहे हैं और जवाब सलीम राज को देना पड़ रहा है उसी प्रकार केदार गुप्ता की भी शिकायत कभी सहकारिता मंत्री से तो कहीं पब्लिक प्लेस पर की जा रही है l सूत्रों की माने तो कुछ माह पहले अध्यक्ष ने जिला सरकारी बैंक के कुछ सीओ का ट्रांसफर, निलंबित को बहाल कर पदस्थापना की गई l जिसका हिस्सा मंत्री तक नहीं पहुंच पाया l शिकायतकर्ता ने यहां तक कहा कि अपना ही चला रहे हैं l वैसे देखा जाए तो जितना कांग्रेस और भाजपा में गुटबाजी नहीं है उतना इस बैंक के अफसरो में है l
सबसे बड़ी विडंबना :-
कुछ ऊंचे पदों में बैठे अधिकारी कई गुटों में बटे हुए हैं l सबसे बड़ी विडंबना यह है कि वर्तमान अध्यक्ष केदार गुप्ता के पास वो अफसर नहीं है जो उन्हें बताएं कि किसी प्रकरण को कैसे बोर्ड में रखकर या नियमों को शिथिल करते हुए उसका निदान किया जा सके क्योंकि जितने भी अफसर उनके इर्द-गिर्द बैठते हैं वह उन्हें रास्ता बताने की बजाय रोड़ा पहले बताते हैं l
चंदा उगाही-बंद कमरे में समाप्त :-
वहीं सूत्रों की माने तो इस दीपावली में एक अधिकारी ने लाखों की चंदा उगाही की है जिसको लेकर प्रबंध संचालक के साथ बहस भी हो चुकी है हालांकि यह मामला उतना तुल इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि मामला बंद कमरे में ही समाप्त हो गया l
अध्यक्ष के लिए बेहतर संभावना:-
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष केदार गुप्ता को सरकार ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर पावरफुल तो बना दिया है l लेकिन पावर का उपयोग सही तरीके से नहीं हो पा रहा है जबकि सरकार का पूरा फोकस बेरोजगार, किसानों के प्रति ज्यादा है l अगर इन विषयों पर फोकस कर अध्यक्ष कुछ नया करते हैं l तो सत्ता- संगठन में उनकी वाह वाही होनी तय है l क्योंकि अपेक्स बैंक हमेशा करोडो-अरबो के घोटाले में ही नाम कमाया है l



