नोटिस पे नोटिस… जांच पर जांच का चल रहा है खेल…ज़मीन का रकबा बढ़ाकर बेचने वाले पटवारी को बचाने…जिला प्रशासन हुआ एकजुट…

रायपुर l राजस्व के मामले को लेकर लगातार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कलेक्टरों को हिदायत दे रहे हैं कि जल्द से जल्द मामलों को निपटाया जाए वही दोषी पाए तहसीलदार, पटवारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए l लेकिन दुर्ग जिले के एक मामले में अब तक ज़मीन का रकबा बढाकर बेचने वाले पटवारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है l अगर की जा रही है तो उस पटवारी को बचाने का प्रयास l जिले के कलेक्टर, एडीएम एसडीएम सब बदल गए लेकिन कार्यवाही करने की हिम्मत किसी में अब तक नहीं हुई l अगर चल रहा है तो केवल नोटिस -नोटिस और जांच पर जांच का खेल l क्योंकि साय सरकार का भय इन अफसरों पर नहीं है l
कौन बचा रहा है पटवारी को :-
दुर्ग जिले के कलेक्टर तेज तर्रार अफसरों में इनकी गिनती होती है l पॉलिटिकल दबाव से दूर रहकर गलत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई इनके द्वारा की जाती है l लेकिन जमीन का रकबा बढ़ाकर बेचने वाले पटवारी राजेंद्र देवांगन के खिलाफ आखिर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है यह समझ से परे हैं l जबकि इस प्रकरण में कलेक्टर अभिजीत सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया l कलेक्टर ने भी स्वीकार किया की गड़बड़ी पटवारी द्वारा ही की गई है l कलेक्टर द्वारा पटवारी को नोटिस दिया गया l लेकिन जवाब पटवारी द्वारा क्या आया यह स्पष्ट नहीं हो पाया है l कलेक्ट्रेट सूत्रों की माने तो कलेक्टर द्वारा कार्यवाही के लिए धमधा एसडीएम को नोटिस जारी किया गया है l इस संबंध में एसडीएम डेविड से जब बात की गई तो उन्होंने बताया की विभागीय जांच का आदेश दिया गया है l कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पटवारी राजेंद्र देवांगन को बचाने के लिए योजना बनाकर पूरा प्रशासन काम कर रहा है l या यू कहे की कार्यवाही के नाम पर नोटिस पर नोटिस जांच पर जांच का बड़ा खेल खेला जा रहा है ताकि कार्यवाही के लिए घूमते रहे प्राथी l
दस्तावेज में कूटरचना:-
पटवारी ने जमीन का रकबा बढ़ाकर शासकीय दस्तावेज में कूटरचनाकर उक्त जमीन को शत्रुघ्न प्रसाद नामक व्यक्ति को बेच दिया गया l फिर भी इस पटवारी पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें बक्सा जा रहा हैl और प्रदेश का चौथा स्तंभ न्याय की गुहार लगा रहा है l प्रदेश में अगर यही हाल रहा तो आम लोगों का क्या होगा यह सोचनीय विषय है l
पटवारी ने किया ऐसा खेल:-
पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान विधायक भूपेश बघेल के क्षेत्र में तत्कालीन पटवारी ने ऐसा कारनामा किया है l इसके खिलाफ कलेक्टर तक कार्रवाई नहीं कर पा रहा है l जबकि दस्तावेज यह प्रमाणित करता है कि पटवारी ने रकबा बढ़ाकर उक्त जमीन को बेचा है l सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जांच अफसर मुकेश कोठारी के समक्ष तत्कालीन पटवारी राजेंद्र देवांगन ने इस बात को स्वीकार किया है कि हां मैंने रकबा बढ़ाकर जमीन को बेचा है l दस्तावेज यह प्रमाणित करता है की l पटवारी ने रकबा बढ़ाकर जमीन को बेचा है फिर भी पटवारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई l अगर प्रदेश के चौथे स्तंभ के व्यक्ति के साथ अगर यह हालात बने हुए हैं तो सोचिए आम व्यक्ति का क्या होता होगा l यहां यह भी स्पष्ट है कि पटवारी को बचाने के लिए पूरा प्रशासन एकजुट हो चुका है l
मामला तब आया सामने:-
पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार ऐसे कार्यों को करने से बाज नहीं आ रहे हैं l ऐसा ही एक मामला दुर्ग जिले के पाटन तहसील के ग्राम सिकोला का है l जहां तत्कालीन पटवारी राजेंद्र देवांगन ने रकबा बढ़ाकर जमीन बेच दी l मामला तब सामने आया जब खरीदार ने उक्त खसरा नंबर पर अपना कब्जा करने का प्रयास किया l तब यह मामला पाटन तहसील न्यायालय की ओर रुख किया l जहां यह स्पष्ट हो गया कि पटवारी रविंद्र देवांगन ने चंद रुपयो के खातिर जमीन मालिक नरोत्तम साहू, भीमकला, खोमेश्वर, मोगरा बाई व गांव के एक जमीन दलाल के साथ मिलकर इस फर्जीवाडे को अंजाम दिया है l
क्या है पूरा मामला :-
जानकारी के मुताबिक 945/6 खसरा नंबर की जमीन जिसका कुल रब्बा 0.42 हेक्टर दत्तरेंगा निवासी रामकृष्ण साहू के नाम से था l जिसे उमेश, दूरपत व अर्जुन श्रीवास्तव द्वारा क्रय किया गया है l इस खसरे की जमीन दो किस्तों में रजिस्ट्री की गई हैl पहले रामकृष्ण द्वारा 0.18 हेक्टर बेचा गया l तत्पश्चात रामकृष्ण का निधन हो गया l दूसरी किस्त की जमीन 0.22 हेक्टेयर की रजिस्ट्री की गईl अब उस खाते के मुताबिक केवल 0. 02 हेक्टर बचत भूमि है l जिसे ग्राम सिकोला के तत्कालीन पटवारी रविंद्र देवांगन ने शासकीय दस्तावेजों में कूट रचनाकार 0.20 हैक्टर बनाकर उक्त भूमि को शत्रुघ्न प्रसाद नामक व्यक्ति को बेच दिया गया l
गर्दन फसते देख पटवारी ने किया फिर ऐसा खेल :-
पटवारी राजेंद्र देवांगन को जब कलेक्टर द्वारा नोटिस जारी किया गया तो उन्हें लगा कि मामला गंभीर हो गया है और ऐसे मामले में जेल की भी हवा खाई जा सकती है l जिसको देखते हुए उन्होंने जमीन मालिक नवरतम साहू से मिलकर त्रुटि सुधार के लिए आवेदन लगाया l और प्रशासन के साथ पुरजोर ताकत लगाकर रकबा को संशोधित भी करवा दिया गया है l ताकि आगे मामला ना बढ़े l फिर भी सवाल यह उठता है कि जब पटवारी को को इस मामले की पूरी जानकारी थी कि उनके द्वारा रब्बा बढ़ाकर बेचा गया है l फिर भी पूरे दो साल तक प्रार्थी को गुमराह किया गया l रकबा संशोधित होने के बाद से पटवारी निश्चित हो चुका है अब कोई कार्यवाही नहीं होगी l
मामला पहुंचा मुख्यमंत्री सचिव के पास :-
पूरे शासकीय प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद जिस प्रकार से जिला प्रशासन कछुए की गति से कार्य कर रहा है और रकबा बढाकर ज़मीन बेचने वाले पटवारी को अभय दान देने के लिए जिस प्रकार से प्रशासन एकजुट होकर लगा हुआ है l उसको ध्यान में रखते हुए प्रार्थी ने मुख्यमंत्री के सचिव से न्याय के लिए गुहार लगाई है l पूरे प्रकरण की जानकारी दस्तावेज के माध्यम से दी गई है l सचिव ने जल्द से जल्द इस मामले पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है l