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मंगलसूत्र के बयान पर रंजीता रंजन ने जताई नाराजगी… कहा प्रधानमंत्री महिलाओं को देखते है हेय दृष्टि से…

रायपुरl l राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि आज 23 तारीख है कल दूसरे चरण का चुनाव खत्म होने वाला है। तीन चरण में छत्तीसगढ़ में चुनाव है। बहुत दुखद है प्रधानमंत्री जो भारतीय जुमला पार्टी के है पूरे देश के प्रधानमंत्री है। पहले राजस्थान फिर अलीगढ़ में झूठ बोला अब छत्तीसगढ़ में रात रूकने वाले है। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह भी रूक चुके है। सत्ताधारी लोग घबराये हुये है। आज तक के इतिहास में कोई प्रधानमंत्री के बारे में इतनी ओछी और घटिया टिप्पणी नहीं की थी। प्रधानमंत्री की गरिमा को उस तरह से देखा नहीं कि एक प्रधानमंत्री के पद में रहते हुये दूसरे प्रधानमंत्री जिनका पूरा वर्ल्ड लोहा मांगता था के बारे में स्तरहीन टिप्पणी करें। 2008 में पूरा वर्ल्ड में आर्थिक मंदी थी उस समय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे, जिन्होंने ने अपने देश को बचाने का काम किया था। आज देश का प्रधानमंत्री झूठ बोल रहा है उनके बारे में इससे ओछी हरकत आज से पहले हमारे देश के किसी प्रधानमंत्री ने नही किया है। प्रधानमंत्री की गरिमा की रक्षा करनी चाहिये और इस तरह के झूठे और इस तरह के ओछी बाते पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में नहीं कहनी चाहिये।

मंगलसूत्र सूत्र का बयान प्रधानमंत्री की सोच को बताता है:-

नरेंद्र मोदी  महिलाओं को हेय दृष्टि से देखते है।एक महिला होने के नाते मैं इसकी निंदा करती हूं। देश की मजबूत महिलाये है जो 1962 से इंदिरा गांधी ने ज्वेलरी और गहने तक आर्मी वाले को दे दिये थे। आर्मी वाले के नाम पे समर्पित किये थे। प्रधानमंत्री का बयान बहुत ही छोटी और ओछी हरकत है। आप किसी का मंगलसूत्र के नाम से कम्पेय कर रहे है और मंगलसूत्र एक महिला का सुहाग होता है और महिला को हेय दृष्टि से देखने का अधिकार पूरे हिंदुस्तान में किसी को भी नहीं है न ही प्रधानमंत्री को है।

दस सालो का रिपोर्ट कार्ड :-

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन चाहती है रिपोर्ट कार्ड लेकर आये 2014 से 2024 तक 10 सालो का। हम कांग्रेस का रिपोर्ट का कार्ड लेकर चल रहे है 55 सालो का। युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरी क्यों नहीं दे पाये? भारतीय जुमला पार्टी में महंगाई इतनी बढ़ी गयी है उसपे बात क्यों नहीं करते? नोटबंदी की थी उसके बारे में चर्चा क्यों नहीं करते? हिम्मत है तो बताये इस तरह की जीएसटी आपने क्यों लगायी? आज गैस सिलेंडर 1000 रू. मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में 4 महिने राज्य में सरकार चलाते हो गये। भाजपा कहती है 500 रू. में गैस सिलेंडर देंगे नहीं दिया। एमएसपी की बात कहकर आये थे 3100 रू. आज दो-दो किस्तो में देना पड़ रहा है और एक किस्त में क्यों नहीं दे रहे है? भाजपा की गारंटी 4 महिने में इस तरह से हो सकती है चूंकि लोकसभा चुनाव है और भारतीय जुमला पार्टी की क्या गारंटी है 2024 के चुनाव के बाद 3100 रू. का झुनझुना गायब हो जाये।

पांच गारंटी के साथ कांग्रेस :-

युवा न्याय, महिला न्याय, किसान न्याय, मजदूर न्याय और हिस्सेदारी न्याय यह कांग्रेस की गारंटी है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 25 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस दिया और पूरे देश में 25 लाख रू. हेल्थ इंश्योरेंस देने का वादा किया। कांग्रेस पार्टी पहले 500 रू. में गैस सिलेंडर दे रहे थे। आंगन बाड़ी केन्द्र की सेविका साहयिका का मानदेय तय किया था वृद्धा पेंशन तय की थी सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल लेकर आये थे इंदिरा आवास लेकर आये थे। कांग्रेस की सरकार आने पर आंगनबाड़ी की सेविका साहियका का मानदेय को डबल करेगी। दस सालो में 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा था और एक साल में 1 लाख नौकरी नहीं दिये। कांग्रेस की सरकार बनने पर 30 लाख सरकारी नौकरी खाली पड़ी है जिसको आपने 10 सालो में नहीं भरा अगर केन्द्र में कांग्रेस की सरकार आयेगी तो वो पहले साल में जो पहला काम होगा युवाओं को 30 लाख नौकरी देंगे और उसमें भी 50 प्रतिशत महिलाओं के लिये रिर्जवेशन रहेगा। महंगाई चरम पर है कांग्रेस महिला न्याय गारंटी के माध्यम से हर साल 1 लाख रू. महिलाओं को देगी और 8333 रू. महिना देने को तैयार है। मनरेगा कांग्रेस पार्टी लेकर आयी थी और उस समय मनरेगा के माध्यम से मजदूरी मिल रहा था। कांग्रेस की सरकार आने पर मनरेगा का मजदूरी 400 रू. करेगी।
भारत में तानाशाही चल रहा। गुजरात में चार-चार प्रस्तावक को यह कह दिया कि एक दिन पहले उनके साईन नहीं करके और र्निविरोध एक सांसद वहां चुन लिया गया। चुनाव के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है। इस तरह के तानाशाही जो हो रहा है लोकतंत्र देख रहा है। आज कांग्रेस पार्टी का एक डेलिगेशन चुनाव आयोग के पास गया जिस तरह की टिप्पणियां प्रधानमंत्री कह रहे है आज चुनाव आयोग क्यों चुप है और क्यों उन पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है यह बहुत ही सोचनीय विषय है।

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