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हिन्दी को तकनीक से जोड़ना समय की मांग-डॉ. सत्यभामा आड़िल

रायपुर। मैट्स विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी सप्ताह का आयोजन 8 सितंबर से 14 सितंबर तक कार्यशाला के रूप में किया गया। 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ की वरिष्ठ महिला साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ सत्यभामा आड़िल एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य भाषा आयोग की सचिव डॉ अभिलाषा बेहार सहित उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांढ, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन से हुआ । कार्यक्रम के शुभारंभ में हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह हमें एक-दूसरे से जोड़ती है और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का कार्य करती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सत्यभामा आड़िल ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस युग में हिंदी को आधुनिक तकनीक और संचार माध्यमों से जोड़ना समय की आवश्यकता है। साथ ही, उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि ये भाषाएँ हमारी सांस्कृतिक विविधता और भाषाई धरोहर को जीवित रखती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही छत्तीसगढ़ राज्य भाषा आयोग की सचिव डॉ अभिलाषा बेहार ने भाषा को संस्कृति और सभ्यता की धूरी बताया और कहा कि भाषा हमारे विकास की प्रतीक होती है इसका विकास और संवर्धन हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। संपर्क भाषा के रूप में हिंदी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता इसलिए इसका संवर्धन आवश्यक है।

हिंदी सप्ताह के अंतर्गत संचालित सात दिवसीय कार्यशाला में छात्रों ने भाषा के विभिन्न कौशलों के विकास में अपना योगदान दिया । इनमें काव्य वचन ,तात्कालिक भाषण ,गीत गायन , प्रश्न मंजूषा,फोटोग्राफी , पत्रलेखन एंकरिंग, वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं प्रमुख रूप से शामिल थीं।विजेताओं के नाम इस प्रकार है , इनमें मंच संचालन प्रतियोगिता में आद्या शुक्ला ने प्रथम, पायल जायसवाल ने द्वितीय और अंजुम परवीन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पत्र-लेखन प्रतियोगिता में अर्चना वर्मा प्रथम, आद्या शुक्ला द्वितीय तथा आदित्य शुक्ला और रुक्मणी पटेल ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। ततपश्चात भाषण प्रतियोगिता में आद्या शुक्ला ने प्रथम, खुशी विभार ने द्वितीय और इशान शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कविता वाचन प्रतियोगिता में उमा शर्मा प्रथम, गौरव महेश्वरी द्वितीय और खुशी विभार तृतीय रहीं। गीत-गायन प्रतियोगिता में अमृतांश श्रीवास्तव ने प्रथम, शिवम सोनी ने द्वितीय और अस्मित दुबे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रश्न मंजुषा प्रतियोगिता में लोकेश एवं समूह ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

फोटोग्राफी प्रतियोगिता में नेचर श्रेणी में प्रज्वल कुजूर ने प्रथम स्थान, समृद्धि ने द्वितीय स्थान और सानिया अहमद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं सांस्कृतिक श्रेणी में लिव्यांशु बोरझा ने प्रथम, अनीकेत निराला ने द्वितीय तथा विकास गौतम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नाट्य मंचन में मुस्कान एवं उनका समूह प्रथम , अंजुम परवीन एवं उनका समूह द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने कविता पाठ, गीत, भाषण एवं विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से हिंदी के महत्व और सौंदर्य को अभिव्यक्त किया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल भाषा की गरिमा को उजागर किया बल्कि विद्यार्थियों की प्रतिभा और हिंदी के प्रति लगाव को भी रेखांकित किया।

कार्यशाला का संयोजन एवं संचालन डॉ. सुनीता तिवारी एवं डॉ सुपर्णा श्रीवास्तव ने किया । कार्यक्रम की सफलता के लिए प्राध्यापकगण डॉ। मनोरमा चंद्र ,प्रियंका गोस्वामी ,सुरभि सिंग एवं शेफाली दस उपस्थित रहें। कार्यक्रम का आभार डॉ कमलेश गोगिया द्वारा किया गया एवं मंच संचालन आद्य शुक्ल द्वारा किया गया ।

विश्वविद्याल के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया , महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के. पी. यादव, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा एवं उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड ने इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

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