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शिक्षा सचिव को समन जारी… लोक आयोग ने उपस्थित होने का दिया आदेश… सिद्धार्थ कोमल परदेशी लगातार हाई कोर्ट आयोग की अवमानना कर रहे हैं :- विकास तिवारी

रायपुर l कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी द्वारा मार्च 2025 को राकेश पांडे,तत्कालीन संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर,हिमांशु भारतीय,विजय खंडेलवाल,जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध लोक आयोग में लिखित शिकायत प्रस्तुत किया था जिसे संज्ञान में लेकर लोक आयोग ने प्रकरण क्रमांक 42/2025 दर्ज करके सिद्धार्थ कोमल परदेसी,सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर उक्त आरोपित अधिकारियो पर सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का दुरूपयोग करके गैर मान्यता वाले प्राइवेट सकुल संचालको से मिली-भगत करके रिश्वतखोरी के सम्बंध के शिकायत में जाँच कर प्रतिवेदन को लोक आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करने को आदेश जारी किये थे लेकिन सिद्धार्थ कोमल परदेशी,सचिव स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उक्त आयोग के आदेश पर कोई भी कार्यवाही नहीं की और न ही जाँच हेतु दल गठित किया l

सीबीएसई स्कूलों का फर्जी संचालन :-

आगे तिवारी ने बताया कि कृष्णा पब्लिक स्कूल समूह भिलाई द्वारा राजधानी में भी कई सीबीएसई स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जिसमे 10000 से अधिक छात्र-छात्रा अध्ययनरत है उक्त स्कूल समूह के संचालको के परिवार जनों द्वारा मप्र,छत्तीसगढ़ स्कूल संहिता 1975,आरटीई 2009 एवं छत्तीसगढ़ निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा नियम 2010 के विपरीत गैर-मान्यता और दो दर्जन से अधिक फर्जी सीबीएसई स्कूलों का अवैध संचालन करके गरीब,वंचित छात्रों को निःशुल्क शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और अन्य पालको से उनके पाल्यो के फर्जी सीबीएसई स्कूलों में अध्ययन करवा कर करोडो रुपयों की अवैध फीस वसूली की जा रही है l

पान ठेले वाले भी चला सकते हैं नर्सरी स्कूल:-

उन्होने यह भी बताया कि सिध्दार्थ कोमल परदेसी द्वारा को पूर्व में भी जनहित याचिका में हाईकोर्ट बिलासपुर में उपस्थित नहीं होने पर तल्ख़ टिपण्णी करते हुवे कहा था कि राज्य में पान ठेले वाले भी नर्सरी स्कूल चला सकते है और मर्सडीज कार में घुमने वाले प्राइवेट स्कूल संचालको पर शिक्षा विभाग कार्यवाही नहीं कर रहा है l

रिश्वतखोर अधिकारियों को संरक्षण:-

विकास ने बताया कि राजधानी सहित पुरे छत्तीसगढ़ राज्य में प्राइवेट स्कूल माफियाओ की लुट पर शिक्षा सचिव की चुप्पी और रिश्वतखोर अधिकारियो को संरक्षण देने का कृत्य कर छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा के देश के 33 राज्यों की सूची में 32 वे स्थान पर ला खड़ा कर दिया है.जिसका नुकसान राज्य के लाखो छात्रों को हर वर्ष उठाना पड़ रहा है.स्कूल शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रहा है,फीस के नाम पर मोटा रकम छात्रों के पालको से वसूला जा रहा है और दूसरी ओर हाईकोर्ट और लोक आयोग से बेख़ौफ़ होकर सिध्दार्थ कोमल परदेसी और रिश्वतखोर अधिकारियो और प्राइवेट स्कूल माफियाओ को संरक्षण देने का आपराधिक कृत्य कर रहे है l

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