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*पटवारी कलेक्टर पर भारी … तेज तर्रारअफसर पर आखिर किसका दबाव*…

रायपुर l कवर्धा कांड में लगातार अफसरो पर कार्यवाही की जा रही है l मुख्यमंत्री विष्णु देव साए एक्शन मोड में है l वही एक पटवारी के खिलाफ कार्रवाई करने में जिला कलेक्टर के हाथ पांव फूल रहे हैं l तेज तर्रार अफसर को आखिर कौन बहका रहा है या फिर किसके दबाव में पटवारी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है l

गलत करने वालों के खिलाफ सख्त :-

  • दुर्ग जिले की कलेक्टर रिचा प्रकाश चौधरी तेज तर्रार अफसरों में इनकी गिनती होती है l पॉलिटिकल दबाव से दूर रहकर गलत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई इनके द्वारा की जाती है l लेकिन जमीन का रकबा बढ़ाकर बेचने वाले पटवारी राजेंद्र देवांगन के खिलाफ आखिर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है यह समझ से परे हैं l जबकि इस प्रकरण में कलेक्टर द्वारा जांच कराई गई जिसमें  स्पष्ट पाया गया है कि पटवारी ने जमीन का रकबा बढ़ाकर शासकीय दस्तावेज में कूटरचनाकर उक्त जमीन को शत्रुघ्न प्रसाद नामक व्यक्ति को बेच दिया गया है l फिर भी इस पटवारी पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें बक्सा जा रहा हैl और प्रदेश का चौथा स्तंभ न्याय की गुहार लगा रहा है l प्रदेश में अगर यही हाल रहा तो आम लोगों का क्या होगा यह सोचनीय विषय है l
  •  पटवारी ने किया ऐसा कारनामा:-

  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री लगातार कलेक्टरों को निर्देश दे रहे हैं की राजस्व के मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए और दोषी पटवारी तहसीलदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए l कुछ जिलों में कार्यवाही भी की गई है l वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान विधायक भूपेश बघेल के क्षेत्र में तत्कालीन पटवारी ने ऐसा कारनामा किया है l इसके खिलाफ कलेक्टर तक कार्रवाई नहीं कर रही है l जबकि दस्तावेज यह प्रमाणित करता है कि पटवारी ने रकबा बढ़ाकर उक्त जमीन को बेचा है l सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि  जांच अफसर मुकेश कोठारी के समक्ष तत्कालीन पटवारी राजेंद्र देवांगन ने इस बात को स्वीकार किया है कि हां मैंने रकबा बढ़ाकर जमीन को बे चा है  फिर भी कार्यवाही नहीं की गई l एक ऐसा आदेश वर्तमान एसडीएम लोकेश कुमार ध्रुव द्वारा निकाला गया है l जिसको पटवारी नजरअंदाज कर रहा है l कलेक्ट्रेट सूत्रों की माने तो एडीएम अरविंद इक्का ने तत्कालीन पटवारी राजेंद्र देवांगन का सहयोग करते हुए उसे पूरा बचाने का प्रयास किया और उसमें सफल भी हुए l कलेक्टर चौधरी को ऐसा प्रतिवेदन पेश किया गया जैसे इस मामले में कुछ हुआ ही नहीं l जबकि दस्तावेज यह प्रमाणित करता है की l पटवारी ने रकबा बढ़ाकर जमीन को बेचा है फिर भी पटवारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है l अगर प्रदेश के चौथे स्तंभ के व्यक्ति के साथ अगर यह हालात बने हुए हैं तो सोचिए आम व्यक्ति का क्या होता होगा l यहां यह भी स्पष्ट है कि पटवारी कलेक्टर पर भारी है l

मामला तब आया सामने:-

पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार ऐसे कार्यों को करने से बाज नहीं आ रहे हैं l ऐसा ही एक मामला दुर्ग जिले के पाटन तहसील के सिकोला का है l जहां तत्कालीन पटवारी ने रकबा बढ़ाकर जमीन बेच दी l मामला तब सामने आया जब खरीदार ने उक्त खसरा नंबर पर अपना कब्जा करने का प्रयास किया l तब यह मामला पाटन तहसील न्यायालय की ओर रुख किया l जहां यह स्पष्ट हो गया कि पटवारी रविंद्र देवांगन ने चंद रुपयो के खातिर जमीन मालिक नरोत्तम साहू, भीमकला, खोमेश्वर, मोगरा बाई व गांव के एक जमीन दलाल के साथ मिलकर इस फर्जीवाडे को अंजाम दिया है l

प्रकरण की पूरी जानकारी :-

जानकारी के मुताबिक 945/6 खसरा नंबर की जमीन जिसका कुल रब्बा 0.42 हेक्टर दत्तरेंगा निवासी रामकृष्ण साहू के नाम से था l जिसे उमेश, दूरपत व अर्जुन श्रीवास्तव द्वारा क्रय किया गया हैl इस खसरे की जमीन दो किस्तों में रजिस्ट्री की गई हैl पहले रामकृष्ण द्वारा 0.18 हेक्टर बेचा गया l तत्पश्चात रामकृष्ण का निधन हो गया l दूसरी किस्त की जमीन 0.22 हेक्टेयर की रजिस्ट्री की गईl अब उस खाते के मुताबिक केवल 0. 2 हेक्टर बचत भूमि है l जिसे ग्राम सिकोला के तत्कालीन पटवारी रविंद्र देवांगन ने शासकीय दस्तावेजों में कूट रचनाकार 0.20 हैक्टर बनाकर उक्त भूमि को शत्रुघ्न प्रसाद के नाम बेच दिया गया हैl

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