निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने… तकनीकी अधिकारियों को दिया जा रहा है… तीन दिवसीय प्रशिक्षण…

रायपुर l राज्य में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नॉन-डिस्टैªक्टिव टेस्ट (NDT) उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिससे संरचनाओं की मजबूती और विश्वसनीयता की जांच बिना किसी नुकसान के की जा सकती है। इन्हीं अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी और उपकरणों के संचालन में दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से संगठन के अधिकारियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 17 मार्च से नवा रायपुर स्थित इंद्रावती भवन के प्रथम तल पर स्थित मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) में दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 19 मार्च तक चलेगा l
विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक जांच:-
मुख्य तकनीकी परीक्षक आर. पुराम ने बताया कि संगठन द्वारा लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े कार्यों की गुणवत्ता एवं भौतिक प्रगति की जांच कर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रतिवेदन प्रेषित किया जाता है। प्रशिक्षण में एनडीटी विशेषज्ञों द्वारा अत्याधुनिक जांच उपकरणों के संचालन की विस्तृत जानकारी दी जा रही है।
उपकरणों की मदद से:-
उन्होंने बताया कि नॉन-डिस्टैªक्टिव टेस्टिंग (NDT) ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से किसी भी निर्माण सामग्री या संरचना की मजबूती, गुणवत्ता और स्थायित्व की जांच की जाती है, बिना उसे कोई नुकसान पहुंचाए। इस तकनीक का उपयोग विशेष रूप से सड़क, पुल, भवन और अन्य संरचनाओं की जांच के लिए किया जाता है। प्रशिक्षण में अल्ट्रासोनिक पल्स वेलासिटी, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR), डिजिटल रीबाउंड हैमर टेस्ट, प्रोफोमीटर टेस्ट, टोमोग्राफी जैसे प्रमुख उपकरणों के संचालन की तकनीक सिखाई जा रही है। इन उपकरणों की मदद से कंक्रीट की मजबूती, अंदरूनी दरारें, नमी की मात्रा, सरंचना में इस्तेमाल सामग्री की गुणवत्ता और संभावित कमजोरियों की पहचान की जाती है।
प्रभावी रूप से होगी गुणवत्ता की परख:-
इस प्रशिक्षण से संगठन के अधिकारियों को आधुनिक जांच तकनीकों की समझ विकसित होगी, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को और अधिक प्रभावी रूप से परखा जा सकेगा। इससे संगठन को भविष्य में तेजी, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ निरीक्षण करने में सहायता मिलेगी।