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अभाविप ने विगत वर्ष लगभग 60 लाख सदस्य बनाकर…संगठनात्मक विस्तार का नया कीर्तिमान रचा…हर छात्र तक पहुँचेगा विद्यार्थी परिषद का विचार…

 

रायपुर l अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने वार्षिक सदस्यता अभियान में लगभग 60 लाख सदस्य जोड़कर संगठनात्मक विस्तार एवं जनसंपर्क की दृष्टि से एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। रायपुर में चल रही अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के दूसरे दिन इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए आगामी दिशा, कार्यनीतियों और कार्यक्रमों पर गहन चिंतन-मंथन किया गया। बैठक में संगठन के इकाई स्तर से लेकर प्रांत व राष्ट्रीय स्तर तक की गतिविधियों, सदस्यता अभियानों एवं छात्र हितैषी कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ संगठनात्मक संरचना को और अधिक प्रभावशाली बनाने, परिषद के आयामों को नए संदर्भों में विकसित करने तथा भारतीय मूल्य-आधारित शिक्षा एवं छात्र चेतना को आगे बढ़ाने के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार की गईं। साथ ही अप्रैल माह में गुजरात के द्वारका में संपन्न विचार बैठक के बिंदुओं पर भी चिंतन व मंथन हुआ।

 छात्र राजनीति तक सीमित :-

बैठक में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि अभाविप न केवल छात्र राजनीति तक सीमित है, अपितु यह एक व्यापक सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन है, जो विद्यार्थियों की विविध रुचियों और क्षमताओं को दिशा देने का कार्य करता है। परिषद द्वारा उच्च शिक्षा की विभिन्न शाखाओं – मेडिकल, इंजीनियरिंग, मानविकी, विधि, कृषि एवं फार्मेसी – में अध्ययनरत छात्रों के लिए विशिष्ट कार्यक्षेत्र एवं मंच विकसित किए गए हैं। जैसे कि मेडिकल के छात्रों के लिए ‘मेडिविजन’, फार्मेसी के लिए ‘फार्माविजन’, कृषि विश्वविद्यालयों के लिए ‘एग्रीविजन’, उद्यमिता एवं नवाचार में रुचि रखने वालों के लिए ‘सविष्कार’, तथा सामाजिक कार्यों, पर्यावरण व सेवा कार्यों से जुड़े विद्यार्थियों के लिए ‘सेवार्थ विद्यार्थी’ व विकासार्थ विद्यार्थी आदि के माध्यम से युवाओं को न केवल संगठन से जोड़ा जा रहा है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय विचारधारा एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

सदस्यता तक सीमित नहीं:-

अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा, “विद्यार्थी परिषद एक विचार है, जो केवल सदस्यता तक सीमित नहीं, अपितु राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कारशील, विचारशील और कर्तव्यनिष्ठ छात्र तैयार करने का एक सशक्त माध्यम है। परिषद का यह संगठनात्मक विस्तार, भारतीय मूल्यनिष्ठा पर आधारित छात्र चेतना के जागरण का प्रमाण है। विविध क्षेत्रों में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को विचार और उनकी रुचि आधारित मंच देना हमारी प्रतिबद्धता है।”

केवल एक आंकड़ा नहीं :-

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा,“अभाविप की बढ़ती सदस्यता संख्या केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि युवाओं में संगठन के प्रति विश्वास, प्रतिबद्धता और सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है। हमारा लक्ष्य हर विद्यार्थी तक पहुँचना है – चाहे वह मेडिकल संस्थान में हो, कृषि विश्वविद्यालय में हो या किसी सामाजिक पहल में रुचि रखता हो। हर क्षेत्र के लिए हमारे पास उपयुक्त मंच एवं गतिविधियाँ हैं, और यह संगठनात्मक मजबूती राष्ट्र को दिशा देने वाली है।”

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